3 राउंड तक चले करीबी मुकाबले में मोंग्कोलपेच ने सोक थय के खिलाफ जीत दर्ज की
मोंग्कोलपेच पेटयिंडी एकेडमी ने शुक्रवार, 21 अगस्त को अपने प्रोफेशनल करियर की 114वीं जीत हासिल की।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुए ONE: NO SURRENDER III के ONE Super Series मॉय थाई फ्लाइवेट कॉन्टेस्ट में थाई स्टार ने कंबोडियाई स्टार सोक थय पर सर्वसम्मत निर्णय से जीत दर्ज की।
इस को-मेन इवेंट मैच के पहले राउंड में मोंग्कोलपेच को पुश किक्स लगाते देखा गया लेकिन दुर्भाग्यवश कुन खमेर वर्ल्ड चैंपियन की कोई भी किक सटीक निशाने पर लैंड नहीं हो पा रही थी। बदला लेने के लिए कंबोडियाई स्टार ने अपने प्रतिद्वंदी की पसलियों वाले हिस्से पर दमदार बॉडी शॉट लगाया, जिसने एक बार के लिए मोंग्कोलपेच को झकझोर दिया था।
जैसे-जैसे पहला राउंड आगे बढ़ा, दोनों स्टार्स एक-दूसरे पर स्ट्राइक्स लगाते रहे, मोंग्कोलपेच किक्स और एल्बोज लगा रहे थे, वहीं थय स्ट्रेट्स और हुक्स पर ध्यान दे रहे थे।
पहले राउंड को समाप्त होने में कुछ ही सेकंड बाकी थे, तभी कंबोडियाई एथलीट का एक बेहद खतरनाक लेफ्ट हुक Petchyindee Academy के एथलीट की चिन को बहुत करीब से मिस कर गया था। इस स्ट्राइक से उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को सतर्क रहने का इशारा किया।
दूसरे राउंड में मोंग्कोलपेच को लय प्राप्त होने लगी थी और वो अपनी स्ट्राइक्स को सही जगह और सही समय पर लैंड करवा पा रहे थे। उन्होंने दूर रहकर जैब्स और किक्स लगाईं, जिससे वो थय को अपने पास आने से रोक सकें, क्योंकि अगर ऐसा होता तो थय के पंच उन्हें काफी क्षति पहुंचा सकते थे।
जब कुन खमेर स्पेशलिस्ट अपने प्रतिद्वंदी के पास आने में सफल रहे तो उनके अधिकतर पंचों को Petchyindee Academy के स्टार ने ब्लॉक कर दिया था। दूसरे राउंड के अंत में दोनों ओर से अटैक देखने को मिला लेकिन तीसरे राउंड में कुछ अलग ही देखने को मिलने वाला था।
अंतिम राउंड में पूरी तरह मोंग्कोलपेच का दबदबा कायम रहा और इस बीच मैच में पहली बार क्लिंचिंग गेम भी देखने को मिला। जब अटैक करने की बारी आई तो थाई एथलीट अपनी लंबाई का फायदा उठाकर नी-स्ट्राइक्स से अपने कंबोडियाई प्रतिद्वंदी की बॉडी को क्षति पहुंचा रहे थे।
जैसे ही वो अलग हुए Lumpinee Stadium मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन ने उस रणनीति को अपनाया, जिसका उन्होंने सबसे अधिक अभ्यास किया था। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी के चेहरे पर पुश किक्स लगाईं और थय को हराने के लिए दमदार जैब भी लगा रहे थे।
जब परिणाम की बारी आई तो तीनों जजों ने मोंग्कोलपेच के पक्ष में फैसला सुनाया और इस जीत के बाद उनका रिकॉर्ड 114-40 का हो गया है। वो संभवत ही आने वाले समय में ONE फ्लाइवेट मॉय थाई डिविजन के एथलीट्स के लिए बड़ा खतरा साबित होने वाले हैं।
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