नोंग-ओ ने सैमापेच को लगाए जोरदार नॉकआउट पंच पर अपनी राय दी
ONE: EDGE OF GREATNESS में नोंग-ओ ग्यांगडाओ ने सैमापेच फेयरटेक्स को हराकर पूरी दुनिया को यह बता दिया था कि आखिर उन्हें मॉय थाई के सबसे महान एथलीट्स में से एक क्यों माना जाता है।
इस बात में कोई संदेह नहीं कि सैमापेच ने चैंपियन के सामने कड़ी चुनौती पेश की थी लेकिन चौथे राउंड में उन्हें नोंग-ओ के उस आखिरी पंच ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स वर्ल्ड में काफी सुर्खियाँ बटोरी।
ग्यांगडाओ ने बेहद परफेक्ट टाइमिंग के साथ अपने पंच और नी का इस्तेमाल किया जिससे उन्हें आखिर में जाकर काफी फायदा पहुंचा।
पहले राउंड में हो रही घबराहट को लेकर नोंग-ओ ने कहा है कि,”शुरुआत में मैं काफी घबराया हुआ था लेकिन जैसे ही पहला मिनट बीता, मुझे अंदाजा हो चुका था कि कब और किस समय अपने मूव्स का इस्तेमाल करना है।“
“दूसरे राउंड में मैं पहले से तैयार प्लान के साथ उतरा था। प्लान यह था कि अगर मुझे नॉकआउट का कोई भी मौका मिलता तो मैं बिना कुछ सोचे नॉकआउट के लिए ही जाता।“
“हर एक फाइट में मैं पूरी तैयारी के साथ उतरता हूँ और कोशिश करता हूँ कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं लेकिन फाइट कितने राउंड तक चलेगी और कितना संघर्ष करना पड़ेगा यह हमेशा दूसरे फाइटर पर निर्भर करता है। प्रतिद्वंदी का स्टाइल कैसा है, उसे जांचना और परखना बेहद ज़रूरी है।
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द इवॉल्व टीम से आने नोंग-ओ ने अपनी राइट किक का अच्छे तरीके से फायदा उठाया और जब भी उन्हें मौका मिला उन्होंने पूरे दम के साथ सैमापेच को चोट पहुंचाई।
शुरुआत में सैमापेच को नोंग-ओ के ज्यादा करीब आने का खामियाजा भुगतना पड़ा जब उन्हें कई बार जोरदार पंच भी लगे जिनमें अपरकट भी शामिल रहे लेकिन वो खुद को नॉकआउट से किसी तरह बचाने में सफल साबित हुए।
एक ऐसा भी समय आया जब सैमापेच नीचे गिर चुके थे लेकिन वो रेफरी के काउंट से पहले ही वापस अपने पैरों पर खड़े होने में सफल रहे। इस बारे में नोंग-ओ ने कहा,”उस क्लीन शॉट के बाद मुझे लग रहा था कि मेरा पंच सटीक ठिकाने पर लगा है लेकिन जैसे ही सैमापेच अपने पैरों पर खड़े हुए तो कुछ पल के लिए मैं हैरान रह गया था।“
“मैंने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई, मुझे पता था कि यह मुश्किल होने वाला है लेकिन सही समय पर सही पंच के जरिए मैं सैमापेच को नॉकआउट कर सकता था।“
फाइट का सबसे चौंकाने वाला लम्हा तब आया जब पिछले राउंड्स में जोरदार पंच लगने के बाद भी सैमापेच तीसरे राउंड में काफी आक्रामक अंदाज में लगातार किक लगाते नजर आए। नोंग-ओ के पास डिफेंड के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि फेयरटेक्स काफी आक्रामक खेल दिखा रहे थे।
“मैं अपने प्लान पर टिका हुआ था इसलिए मैं मन ही मन सोच रहा था कि मुझे जल्दबाजी नहीं करनी है और केवल एक मौके का इंतज़ार करना है।“
आखिरकार अंतिम क्षणों में नोंग-ओ का सब्र उनके काम आया जब सैमापेच काफी थके हुए नजर आने लगे थे। तभी कुछ जोरदार किक्स के बाद उन्होंने एक ऐसा पंच लगाया जिससे सैमापेच सीधे निचे गिर पड़े और अगले ही पल रेफरी ने फाइट को रोक दिया।
25 वर्षीय सैमापेच इस पंच के कुछ सेकेंड बाद ही अपने पैरों पर खड़े हुए और आदरसहित नोंग-ओ को जीत की बधाई भी दी।
इस नॉकआउट पंच के बारे में नोंग-ओ ने कहा कि,“सैमापेच एक बेहतरीन फाइटर हैं और ऐसा कुछ नहीं है जिसे वो हासिल नहीं कर सकते लेकिन उन्हें यह बात समझनी होगी कि सभी चीजें टाइमिंग और मौकों पर निर्भर करती है।“
“सैमापेच असल जिंदगी में भी काफी अच्छे इंसान हैं और फाइट से पहले भी दो भाइयों की तरह हम एक-दूसरे से मिले।“
“उन्हें भविष्य में और भी मौके मिलेंगे और संभव ही उससे पहले वो अपनी गलतियों से सबक ले चुके होंगे। वो अभी काफी युवा हैं और अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए उनके पास टैलेंट भी है।“
सैमापेच ने भी यह माना कि उन्हें अपने आइडल के खिलाफ हार मिली है लेकिन आने वाले समय में उन्हें दूसरे मौकों के लिए थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा।
दूसरी तरफ नोंग-ओ का चैंपियनशिप सफर अब कम से कम साल 2019 में तो खत्म नहीं होने वाला है।
अपने भविष्य को लेकर नोंग-ओ ने कहा कि,”मैं अभी और फाइट करना चाहता हूँ जिससे मैं अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ बचत कर सकूँ। मेरा दिल कह रहा है कि मैं किकबॉक्सिंग में जा सकता हूँ जिससे मैं एक और वर्ल्ड टाइटल अपने नाम कर सकता हूँ।“
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