पेटमोराकोट ने जकार्ता में ऐतिहासिक जीत के बारे में बात की
पेटमोराकोट पेटयिंडी एकेडमी को आखिरी समय पर खुद को परिस्थितियों के मुताबिक ढालना पड़ा क्योंकि उनके प्रतिद्वंदियों में लगातार बदलाव हो रहे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी क्लास दिखाते हुए ONE: WARRIOR’S CODE में इतिहास रचा।
7 फरवरी को बैंकॉक से आने वाले 25 वर्षीय स्टार पहले ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बने और इसका श्रेय जकार्ता में उनके शानदार प्रदर्शन को जाता है।
इस्तोरा सेनयन में खतरनाक पोंगसिरी पीके. साइन्चेमॉयथाईजिम के खिलाफ मैच शुरू होते ही पेटमोराकोट पर दबाव बढ़ना शुरू हो गया था, लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया और शानदार प्रदर्शन करने में सफलता पाई। इसी प्रदर्शन के बलबूते उन्होंने पाँच के पाँच राउंड अपने नाम किए थे।
उन्होंने बताया, “पहले राउंड में अच्छा महसूस कर रहा था, मुझे भरोसा था कि मैं जीत सकता हूँ।”
“वो लगातार आगे आ रहे थे, मुझे अपने शॉट लगाने के मौके भी मिल रहे थे। ऐसी कोई स्थिति ही नहीं थी, जहाँ से मुझे इस मुकाबले में हार मिल सकती थी लेकिन वो आगे बढ़ना नहीं छोड़ रहे थे। मैं उन्हें नॉकआउट नहीं कर सकता था लेकिन मैं अंकों के आधार पर जीत सकता था। मेरे शॉट उनसे क्लीन थे।
“मैंने 5 राउंड तक जाने का प्लान बनाया, जैसा कि मैं पहले राउंड में लड़ रहा था। मैच कब पलट जाए किसी को नहीं पता होता इसलिए हमें लगातार आगे बढ़ते रहना होता है। मुझे लगा कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया, मैंने खुद को व्यस्त रखने और एक्टिव रख पाने में बहुत सुधार किया है। मैं पहले से ज्यादा आक्रामक हो गया हूँ।”
थाई सुपरस्टार ने उन स्किल्स का प्रदर्शन किया जिनके लिए वो जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने जिस तरह अपने प्रतिद्वंदी को परखा, उससे पता चलता है कि वो एक एथलीट के रूप में भी बेहतर होते जा रहे हैं।
पेटमोराकोट ने जमाल युसुपोव का सामना करने के लिए 2 महीने की ट्रेनिंग ली थी और उन्होंने ज्यादा एल्बोज़ का प्रयोग करने का गेम प्लान बनाया था। लेकिन ये मैच रूसी स्टार द्वारा बाहर होने के कारण नहीं हो पाया था।
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पोंगसिरी के खिलाफ जैब उनका बड़ा हथियार रहा और इसके बाद उन्होंने कहा था कि ये उनका सबसे बड़ा हथियार नहीं है। वो ज्यादा प्रभाव डालने के लिए इसका प्रयोग कर रहे थे, उन्हें जैब लगाने में सफलता मिल रही थी, अपने प्रतिद्वंदी को क्षति पहुंचा रहे थे और दूरी बनाए रखने में भी सफल हो रहे थे। जब दोबारा पेटमोराकोट अपने इस मैच को स्टडी करेंगे तो शायद उन्हें बहुत अच्छा महसूस होगा, अभी जो उन्होंने हासिल किया है उस पर भी उन्हें गर्व है।
हालांकि, आखिरी लम्हों पर प्रतिद्वंदियों में बदलाव होने के कारण उनकी तैयारियों पर बुरा प्रभाव पड़ा था। आखिर में तय हुआ कि इस स्पोर्ट के वर्ल्ड टाइटल के लिए उनका सामना हमवतन एथलीट से ही होने वाला है।
उन्होंने कहा, “ये पहली बार था जब मैं थाईलैंड के बाहर किसी थाई एथलीट का सामना कर रहा था। दुनिया को मॉय थाई की पहचान करवाने का ये अच्छा मौका था।”
“ये सभी के लिए बहुत मायने रखता था क्योंकि जीत किसी को भी मिले, टाइटल थाई एथलीट के पास ही जाने वाला था।
“मेरे प्रतिद्वंदी टफ़ थे, वो बड़ी शिद्दत से इस मैच में जीत दर्ज करना चाहते थे। हम थाई हैं! हम में से कोई भी दूसरे को जीत देने के लिए तैयार नहीं था। उनके द्वारा इस मैच को स्वीकार करने के लिए मैं उनका धन्यवाद करना चाहता हूँ और मैं उनका बहुत सम्मान भी करता हूँ।”
इस मौके के लिए 2 महीने की ट्रेनिंग के बाद और रिंग में 5 राउंड के जबरदस्त एक्शन के बाद पेटमोराकोट ने कहा कि वो कुछ दिन आराम करना चाहते हैं और कुछ दिन अपने घर यानी उबोन राचाथानी में बिताना चाहते हैं।
उसके बाद वो थाईलैंड की राजधानी में स्थित Petchyindee Academy में वापसी करेंगे, जहाँ वो अपने अगले प्रतिद्वंदी के खिलाफ वर्ल्ड टाइटल डिफेंड कर सकने के लिए ट्रेनिंग की शुरुआत करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन सभी ने मुझे सपोर्ट किया है। सोशल मीडिया पर मुझे विदेशी लोग ज्यादा फॉलो करते हैं। मैं उन सभी का भी धन्यवाद करना चाहता हूँ। मैं उनके द्वारा की गई सभी कमेंट्स का भी धन्यवाद करता हूँ और खुद में सुधार करना जारी रखूंगा।”
“मैं वापस घर जाऊंगा, परिवार से मिलकर भगवान बुद्ध से अच्छे भाग्य की कामना करूंगा। मैं करीब 10 दिन तक घर रहने वाला हूँ और उसके बाद कैंप में आकर ट्रेनिंग शुरू करूंगा।”
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सिंगापुर | 28 फरवरी | ONE: KING OF THE JUNGLE | टिकेट्स: यहां क्लिक करें
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