फोगाट की हिराटा को चेतावनी: ‘मुझे कम आंकने की भूल मत करना’

Indian star Ritu Phogat is ready to compete

जब ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट को ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री में शामिल किया गया, तभी से उन्हें अंडरडॉग के रूप में देखा जा रहा है।

लेकिन ONE: EMPOWER में उन्होंने टूर्नामेंट में जीत की प्रबल दावेदारों में से एक मेंग बो को हराकर अपने आलोचकों को गलत साबित किया।

अब शुक्रवार, 29 अक्टूबर को ONE: NEXTGEN में ग्रां प्री के सेमीफाइनल में उनका सामना जूडो सुपरस्टार इत्सुकी “एंड्रॉइड 18” हिराटा से होगा।

फोगाट ने कहा, “हिराटा को हराना आसान नहीं होगा।”

“वो ताकतवर हैं और उनकी रेसलिंग शानदार है, इसलिए उन्हें टेकडाउन करना आसान नहीं होगा। एक स्ट्राइकर के मुकाबले ग्रैपलर को टेकडाउन करना कठिन होता है।”

27 वर्षीय एथलीट को सर्कल में कठिन परिस्थितियों में रहने का काफी अनुभव मिल चुका है, खासतौर पर क्वार्टरफाइनल मैच में मेंग बो पर जीत के बाद।

टूर्नामेंट के पहले राउंड में पूर्व #2 रैंक की एटमवेट कंटेंडर ने उन्हें करीब-करीब नॉकआउट और उसके बाद सबमिशन से भी हरा ही दिया था।

मगर “द इंडियन टाइग्रेस” ने हार नहीं मानी और किसी तरह फाइट को दूसरे राउंड में ले जाने में सफल रहीं और अंत में सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की। उनकी जीत को देख दुनिया चौंक उठी थी, मगर #4 रैंक की कंटेंडर फोगाट जानती थीं कि वो मैच का रुख अपनी ओर पलट सकती हैं।

भारतीय एथलीट ने कहा, “मैं जानती थी कि मैं मैच में वापसी कर सकती हूं। उस समय मैं केवल अपने आलोचकों को गलत साबित करने के बारे में सोच रही थी और ऐसा करने में सफल भी रही।”

“ग्रां प्री के सेमीफाइनल में पहुंच कर बहुत खुश हूं और मेंग पर जीत से मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यही आत्मविश्वास ही मुझे अगले मैचों में जीत प्राप्त करने में मदद करेगा।”

उनकी शानदार जीत की ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड चैंपियन “अनस्टॉपेबल” एंजेला ली ने भी तारीफ की, जिन्हें 2022 में टूर्नामेंट की विजेता के खिलाफ अपने टाइटल को डिफेंड करना होगा।

अब फोगाट मौजूदा चैंपियन से मिली तारीफ और बड़े हुए आत्मविश्वास की मदद से हिराटा को हराने का प्रयास करेंगी। जापानी स्टार मानती हैं कि उनकी चुनौती मेंग से अलग होगी।

हिराटा का जूडो गेम वर्ल्ड-क्लास है, जिसकी मदद से उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर में अपराजित रिकॉर्ड को कायम रखा है। इस वजह से फोगाट ने उनके लिए खास गेम प्लान तैयार किया है।

फोगाट ने कहा, “रेसलिंग में लेग अटैक ज्यादा होते हैं, वहीं जूडो एथलीट्स बॉडी के ऊपरी हिस्से से ज्यादा अटैक करने की कोशिश करते हैं। मैं हिराटा के बॉडी के ऊपरी हिस्से से होने वाले अटैक के मुकाबले मैं अलग-अलग तरीके से शॉट्स लगा पाऊंगी, इसलिए मेरा रेसलिंग गेम उनकी जूडो स्किल्स पर भारी पड़ेगा।”

“हिराटा बॉडी के ऊपरी हिस्से की मदद से टेकडाउन कर फाइट को ग्राउंड पर ले आती हैं। उनके पास एक ही स्किल है, लेकिन मेरा गेम उनसे ज्यादा खतरनाक है।”

हिराटा ने अपनी अगली विरोधी की रेसलिंग स्किल्स को देखने के बाद फोगाट के लिए भी यही बात कही है।



मगर “द इंडियन टाइग्रेस” का मानना है कि अगर हिराटा उनसे पिछले मैचों की तरह के प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हैं तो जापानी स्टार के ये विचार पूरी तरह गलत हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे कम आंकना बहुत बड़ी भूल होगी क्योंकि आपको हर एक मैच में ऋतु फोगाट का अलग रूप देखने को मिलेगा।”

2016 राष्ट्रमंडल खेलों में रेसलिंग स्पर्धा की स्वर्ण पदक विजेता हिराटा को बताना चाहती हैं कि पूरे डिविजन में उनकी रेसलिंग का तोड़ किसी के पास नहीं है।

फोगाट ने कहा, “अगर हिराटा कहती हैं कि मेरे पास एक ही स्किल है तो ध्यान रखिए कि मैं उस एक सकिल में बेस्ट हूं। मुझे नहीं लगता कि एटमवेट डिविजन में किसी के पास मेरी रेसलिंग स्किल्स का तोड़ होगा।”

यह कहना काफी हद तक गलत होगा कि फोगाट, ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री के फाइनल में पहुंचने केवल अपनी रेसलिंग का इस्तेमाल करने वाली हैं। क्योंकि भारतीय स्टार का मानना है कि इस मुकाबले में कुछ भी संभव है।

उन्होंने कहा, “अगर मौका मिला तो मैं इस बाउट को नॉकआउट से फिनिश करना चाहूंगी।”

“मैं लोगों की इस धारणा को बदलना चाहती हूं कि ऋतु फोगाट केवल रेसलिंग में अच्छी हैं। मैं इस फाइट को भी अलग तरीके से जीतना चाहूंगी, जिससे फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी एथलीट को अहसास हो कि मैं अलग तरह से भी जीत हासिल कर सकती हूं।”

हिराटा के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से ध्यान ना हटे, इसलिए फोगाट ने ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री के टाइटल को अपने फोन का वॉलपेपर बना दिया है।

जब भी वो अपने मोबाइल को खोलती हैं तब उन्हें सिल्वर बेल्ट याद दिलाती है कि उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए कितने त्याग करने पड़े हैं और बेहतर मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनने के लिए अपने परिवार से दूर दूसरे देश में क्यों रह रही हैं।

“द इंडियन टाइग्रेस” जानती हैं कि उनके करीबियों का सपोर्ट उन्हें लगातार आगे बढ़ने रहने को प्रेरित करता रहेगा। यही चीज़ें उन्हें एक और कठिन प्रतिद्वंदी के खिलाफ जीत दर्ज करने में मददगार साबित होंगी।

फोगाट ने कहा, “मैं यहां अपने फैंस के सपोर्ट के कारण ही पहुंच सकी हूं। अपना प्यार और सपोर्ट ऐसे ही बनाए रखें और जल्द ही सिल्वर और उसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप बेल्ट भी जीतूंगी।”

Pictures from the fight between Ritu Phogat and Meng Bo from ONE: EMPOWER

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