स्टेफर रहार्डियन ने जीवन को बल देने वाली चीजों के बारे में बताया
स्टेफ़र “द लॉयन” रहार्डियन ने भले ही अपना प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर बस पांच साल पहले ही शुरू किया हो लेकिन वो इंडोनेशिया के उभरते हुए सितारे बन गए हैं।
अप्रैल 2015 में सफल डेब्यू करने के बाद उन्होंने अगस्त 2016 में ONE Championship जॉइन की। उन्होंने ONE जकार्ता फ्लाइवेट टूर्नामेंट चैंपियनशिप टाइटल का रास्ता अपनी पहली प्रोमोशनल बाउट से ही बना लिया।
उसके बाद रहार्डियन अपनी फुर्ती भरी स्किल्स को धार देने के लिए देश के पूर्वी हिस्से में स्थित Bali MMA में चले गए। वहां से सर्कल में उन्होंने शानदार जीत हासिल की। साथ ही उन्होंने खुद को वेट क्लास (भार वर्ग) में नीचे लाते हुए ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड टाइटल पर कब्जा जमाने की उम्मीद लगाई।
33 साल के एथलीट विज्ञापनों में दिखाई दे चुके हैं, जिन्होंने देश में उनकी पहचान को बढ़ाया, ये एक शानदार उपलब्धि है। खासकर तब, जब उन्होंने अपने बचपन में कई परेशानियों, चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना किया हो।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ब्राउन बेल्ट हासिल करने वाले एथलीट अब इंडोनेशिया के सबसे चहेते घरेलू हीरो में शामिल हो गए हैं। वो अपनी टीम के साथी एथलीटों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं। “द लॉयन” ने इसके बारे में हमसे एक खास इंटरव्यू में बात की।
ONE Championship: अब आप इंडोनेशिया के सबसे अनुभवी एथलीट्स की सूची में शामिल हो गए हैं लेकिन किस चीज ने आपको मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के लिए असल में प्रोत्साहित किया?
स्टेफ़र रहार्डियन: मेरे प्रोत्साहन का स्रोत मेरा परिवार है। ये मैंने अपने परिवार के लिए ही किया है ना कि अपने लिए। ये बस एक शौक था लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और जीवने के उतार-चढ़ाव से जिस तरह का अनुभव मुझे मिला, उसके आधार पर ही मैंने तय किया कि मुझे एथलीट बनना है।
मैं जब स्कूल में था, तब ही से एथलीट बनना चाहता था लेकिन मुझे पता नहीं था कि किस खेल में जाऊं। मैंने हमेशा सोचा था कि मैं अपने देश का झंडा लेकर गर्व के साथ मुकाबला करूंगा। फिर मैंने BJJ सीखा और मुझे लगा कि शायद यही वो चीज है, जिसे मैं कब से तलाश रहा था।
फिर मैंने सोचा कि इससे कुछ कमाई भी की जाए क्योंकि मैं अकेले नहीं रहता था। मैं अपनी मां के साथ रहता था। ऐसे में मुझे अपने और मां के लिए पैसे कमाने की जरूरत थी। इस वजह से मुझे सबसे ज्यादा प्रोत्साहन परिवार की ओर से ही मिलता है।
हो सकता है कि एक दिन मैं अपना परिवार भी शुरू करूं। ऐसे में पैसों के साथ काफी कुछ और भी परिवार के लिए छोड़ जाना चाहता हूं। मैं अपने परिवार के लिए काफी लंबे समय तक चलने वाली विरासत छोड़ जाना चाहता हूं, ताकि जब मैं इस दुनिया में न रहूं तो परिवार को इससे प्रेरणा मिले।
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ONE: आपके पास दूसरी एकेडमियों को कोचिंग देने के ऑफर थे और अपना खुद का जिम शुरू करने का मौका था लेकिन आपने Bali MMA के साथ जुड़े रहने को चुना और अपना करियर आगे बढ़ाया। ऐसे में परिवार के अलावा अन्य कौन सी चीजें आपको प्रोत्साहित करती हैं?
स्टेफ़र रहार्डियन: देखिए, ये फाइट का बिजनेस है। यहां एक्शन की जरूरत होती है, यही इसका तरीका है। आप जो करते हैं, उसी से आपकी अहमियत तय होती है। आप जब कोच या ट्रेनर बनते हैं तो आपके अनुभवों पर सवाल किए जा सकते हैं इसलिए हमेशा अनुभव ही मायने रखता है।
मेरे कोच बनने या जिम खोलने का जब समय आएगा तो मैं कुछ सकारात्मक करने के बारे में ही सोचूंगा, ताकि किसी भी स्टूडेंट को मेरे साथ ट्रेनिंग करके बेकार महसूस ना हो।
साथ ही जब मेरे स्टूडेंट्स मुझसे कुछ पूछेंगे या प्रोत्साहित नहीं दिखेंगे तो मुझे भरोसा है कि मैं एक एथलीट के तौर पर अनुभवों से मिली जानकारी उनके साथ साझा करूंगा। मुझे उम्मीद है कि जो मैं कर रहा हूं, उससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
ONE: Bali MMA में अब कई सारे युवा एथलीट ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिनमें एलीपिटुआ सिरेगर और फजर माचो भी शामिल हैं। उनका कहना है कि आप एक अच्छे रोल मॉडल हैं। वे आपको कैप्टन इंडोनेशिया भी बुलाते हैं। ये सब सुनकर आपको कैसा लगता है?
स्टेफ़र रहार्डियन: मुझे ये जानकर बहुत अच्छा लगा कि वे मुझसे प्रेरित हैं। ऐसा लगता है कि मुझे मेरी कड़ी मेहनत का फल मिल गया। हालांकि, मैंने कभी खुद को उनका प्रेरणास्रोत बनान का लक्ष्य नहीं रखा था, जो मैं कर रहा था बस उससे खुश था।
जब हम साथ होते हैं या ट्रेनिंग कर रहे होते हैं, तो आपस में बाते करने का एक सत्र रखते हैं। इसमें मैं उनकी हर बात का जवाब देने की कोशिश करता हूं। मैं उन्हें हर तरह से सहयोग करने की कोशिश करता हूं।
उदाहरण के लिए, मैं जब पहली बार Bali MMA में आया तो काफी अकेला था। वहां मेरे अलावा कोई और इंडोनेशियाई एथलीट नहीं था। ऐसे में दूसरी भाषा न आने के चलते मुझे काफी संघर्ष करना पड़ रहा था। मैं उन्हें इस बात पर जोर देने को कहता हूं कि त्याग करने चाहिए।
मैं जहां हूं, वहां पहुंचना आसान नहीं है। एथलीट होने के नाते आपको संघर्ष करना होता है।
ONE: जैसा कि आपने बताया कि Bali MMA में ट्रेनिंग के दौरान आपको और किस तरीके के संघर्षों से गुजरना पड़ा था?
स्टेफ़र रहार्डियन: व्यक्तिगत तौर पर कई इंडोनेशियाई, जिसमें मैं भी शामिल हूं, को अपने कोच से मिलने वाली सलाह अच्छी नहीं लगती। विदेशी कोच से आमतौर पर बहुत ज्यादा उम्मीद की जाती है और इसमें कोई छुपाने की बात नहीं कि वो काफी सख्त और अनुशासन वाले होते हैं। ऐसे में उनकी हर उस बात को माना, जो मेरी ट्रेनिंग के लिए सही थी।
मेरे मानना है कि अगर हम अपने कोच की इज्जत करते हैं तो ईश्वर की कृपा से वो हमारे करियर के लिए वरदान बन जाते हैं। इससे हमें सच में फायदा होता है लेकिन आज्ञाकारी बनना आसान बात नहीं है क्योंकि तर्क करना मनुष्य का स्वभाव है।
अगर कोच चाहते हैं कि हमें ये चीज करनी चाहिए तो जब तक संभव हो हमें वो जरूर करना चाहिए। आपको सबका आदर करना होता है और अपने साथियों से भी सीखना होता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वो आपसे जूनियर हैं या सीनियर। आपको उनकी बातों को ध्यान से सुनना होता है।
उदाहरण के लिए, एलीपिटुआ का रेसलिंग में बहुत अच्छा बैकग्राउंड है और वो अक्सर मुझे सलाह देते रहते हैं और मैं उसे मानता हूं क्योंकि वो मेरे लिए फायदेमंद रहता है। दूसरी ओर वो मुझसे ग्रैपलिंग के बारे में पूछते हैं। हम एक-दूसरे को सहयोग करते हैं और एक-दूसरे से हमें अपनी खामियों का पता चलता है।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स हमेशा बदलता रहता है। ऐसे में हम किसी से भी सीख सकते हैं। ये बहुत अनमोल अनुभव है, भले ही कोई चैंपियन हो या न हो।
ONE: क्या आप इस बात से हैरान हैं कि इंडोनेशिया में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स कितना आगे पहुंच गया है?
स्टेफ़र रहार्डियन: सच कहूं तो ये मेरी उम्मीद से काफी बढ़कर है।
Bali MMA की जब शुरुआत हुई थी, तब मैंने अपने बचपन के दोस्त फजर सिदिक से कहा था मैंने हमेशा सोचा था कि इंडोनेशिया में भी पश्चिमी देशों की तरह बड़ा जिम होगा, जो मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग का सेंटर बनकर उभरेगा।
और उसका भी यही सपना था, लेकिन हम इस बात से निराश थे कि उस समय मार्शल आर्ट्स के लिए बहुत कम सहयोग था। लेकिन अब मार्शल आर्ट्स के जिम पूरी तरह से बदल चुके हैं।
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