कैसे माइकी मुसुमेची ने बीमारी के बावजूद दिग्गज शिन्या एओकी को मात दी – ‘आपको आगे बढ़ते रहना होता है’

Mikey Musumeci Shinya Aoki ONE Fight Night 15 29 scaled

पिछले शनिवार ONE Fight Night 15: Le vs. Freymanov में मौजूदा ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियन माइकी मुसुमेची ने अपने ONE Championship करियर की सबसे यादगार जीत हासिल की।

न्यू जर्सी निवासी एथलीट ने शिन्या एओकी को ओपनवेट सबमिशन ग्रैपलिंग मैच में “एओकी लॉक” लगाकर हराते हुए लगातार तीसरा सबमिशन हासिल किया।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में मुसुमेची को जीत हासिल करने में तीन मिनट से थोड़ा ही अधिक समय लगा।

उन्होंने “एओकी लॉक” से अपने प्रतिद्वंदी को हराया, जिन्होंने खुद इस सबमिशन मूव को बनाया था। “डार्थ रिगाटोनी” ने 2019 में रिकॉर्ड 12 सेकंड में फुट लॉक लगाकर अपना चौथा IBJJF वर्ल्ड टाइटल जीता था।

उन्होंने onefc.com से इस आइकॉनिक मूव को अंजाम देने के बारे में बताया:

“ये मेरी सबसे बड़ी जीतों में से एक है। मैंने मॉडर्न जिउ-जित्सु में अपनी फेवरेट पोजिशन से, शिन्या ने जिस मूव को बनाया, वही एओकी लॉक उनपर लगाया।

“ये वही पोजिशन है, जिसे मैंने गी (मैचों के दौरान पहने जाने वाली कॉस्ट्यूम) प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल किया और कई वर्ल्ड टाइटल जीते। ये स्ट्रेट फुट लॉक है। इसका थोड़ा सा अलग रूप एओकी लॉक है। अगर आपको इस पोजिशन में महारत हासिल करना है तो भला इस मूव के जनक के खिलाफ इस्तेमाल करने से बेहतर भला क्या हो सकता है?”

हमेशा दूसरों के प्रति इज्जत दिखाने वाले मुसुमेची ने पूर्व ONE लाइटवेट MMA वर्ल्ड चैंपियन की जमकर तारीफ की।

अमेरिकी एथलीट इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि एओकी ने MMA और ग्रैपलिंग में बहुत कुछ हासिल किया है और उनके खिलाफ उतरना मुसुमेची के लिए किसी सम्मान से कम नहीं है:

“मेरे लिए ये बहुत खास जीत है, खासकर इस वूव को इसके जनक और दिग्गज शिन्या एओकी के खिलाफ लगाना। उनका सामना करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैंने मैच से पहले उन्हें कई बार कहा, “प्रोफेसर, आपका सामना करना मेरे लिए सम्मान की बात है।”

‘बहुत बीमार’ मुसुमेची ने मानसिक मजूबती की वजह से बैंकॉक में मुकाबला किया

जब माइकी मुसुमेची, शिन्या एओकी का सामना करने के लिए रिंग में उतरे तो उनका स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा नहीं था। वो फूड पॉइज़निंग के दुष्प्रभावों से जूझ रहे थे।

उन्होंने कहा:

“मैं अब भी बहुत बीमार हूं। बहुत ज्यादा आलस महूसस हो रहा है और अजीब सा लग रहा है।”

बीमारी के बावजूद 27 वर्षीय BJJ सुपरस्टार ने अपनी मानसिक मजबूती का दम दिखाया। इस मानसिकता की वजह से उन्होंने पांच IBJJF वर्ल्ड टाइटल, ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप और अमेरिका में जन्में सबसे बेहतरीन जिउ-जित्सु प्रतियोगी होने का तमगा हासिल किया।

“डार्थ रिगाटोनी” ने बताया कि कैसे उन्होंने मुश्किल परिस्थिति से पार पाई:

“भले ही आपका शरीर कैसा भी महसूस करे, आपको आगे बढ़ते रहना होता है। अगर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो भी आपको काम करना पड़ेगा। दिमाग को शांत करने के लिए मानसिक ताकत लगती है, खासकर जब आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे और आराम के लिए कहे।”

बीमारी की वजह से अच्छा महसूस ना करने के बावजूद उन्होंने खतरनाक सबमिशन आर्टिस्ट का सामना करने का फैसला लिया।

अब जब उन्होंने जीत हासिल कर ली तो मानते हैं कि ONE में अपने अगले मुकाबले में इस चीज से काफी फायदा मिलेगा:

“यकीनन, ये मुश्किल और कठिन चुनौती थी। लेकिन इसने मुझे प्रोत्साहित किया और मैं दिखाना चाहता था कि मैं असहज नहीं हूं। मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा, लेकिन फिर भी कर सकता हूं। ये पाठ और अनुभव अगली फाइट में काम आएगा।”

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