जकार्ता में आई जीत के बाद टॉप बेंटमवेट एथलीट्स को सुनौटो की चुनौती

Sunoto defeats Nurul Fikri ONE WARRIORS CODE

जकार्ता में अपने घरेलू फैंस के सामने बड़ी जीत दर्ज करने के बाद “द टर्मिनेटर” सुनौटो जीत की लय में वापस लौट आए हैं और अब वो इस डिविजन के टॉप पर पहुंचने का लक्ष्य तय कर चुके हैं।

7 फरवरी को ONE: WARRIOR’S CODE में आई उनकी ये जीत ग्लोबल स्टेज पर कुल 10वीं जीत रही। इससे उनका आत्मविश्वास लौटा है और उन्होंने ये भी दिखाया कि उन्हें ONE के इतिहास के सबसे शानदार एथलीट्स में से एक क्यों माना जाता है।

35 वर्षीय स्टार ने कहा, “लगातार 2 हार के बाद ये जीत ही एक ऐसी चीज थी, जिससे मैं अपने फैंस और इंडोनेशिया का सिर गर्व से ऊंचा कर सकता था।”

ये जीत उन्हें मुश्किल परिस्थितियों से होकर मिली है, असल में इवेंट से कुछ समय पहले ही “द टर्मिनेटर” के प्रतिद्वंदी में बदलाव किया गया था। फिर भी Terminator Top Team और Indogym के स्टार को अपने अनुभव पर पूरा भरोसा था जिससे उन्हें नुरुल फिकरी पर सर्वसम्मत निर्णय से जीत मिली थी।

इंडोनेशियाई स्टार की बॉक्सिंग स्किल्स से भी काफी लोग चौंक उठे थे और इन्हीं स्किल्स के सहारे उन्होंने पहले राउंड के शुरुआती मिनट में अपने प्रतिद्वंदी को नीचे गिराने में सफलता पाई। लेकिन वो टायक्वोंडो ब्लैक बेल्ट होल्डर की स्ट्राइकिंग के सामने दोबारा ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए।

सुनौटो ने बताया, “वो मेरे पिछले प्रतिद्वंदी को रिप्लेस कर इस मैच का हिस्सा बने थे। मैं ज्यादा से ज्यादा पंच लगाने की कोशिश कर रहा था और प्लान यही था कि मैं अपने पंचों के सहारे ही उनकी किक्स को काउंटर करूंगा लेकिन ये प्लान कारगर साबित नहीं हुआ। क्योंकि जब भी मैं पंच लगाने की कोशिश करता वो किक्स से उन्हें काउंटर कर रहे थे।

“वो हमेशा इससे बच निकलने में कामयाब रहे और ऐसा तीन से चार बार हो चुका था। इसलिए आखिरी राउंड में मैं उसी प्लान पर टिके रहने के पक्ष में तो बिल्कुल नहीं था।”



सुनौटो अपने रेसलिंग अटैक से फिकरी की स्ट्राइकिंग को रोकने में सफल हो रहे थे और बाकी बचे मैच में उन्होंने बढ़त बनाए रखी। “द टर्मिनेटर” कभी भी ज्यादा खतरे में पड़ते हुए दिखाई नहीं दिए क्योंकि मैच का लगभग पूरा कंट्रोल उन्हीं के हाथों में था, इस तरह के प्रदर्शन से उन्होंने दिखाया कि आखिर इंडोनेशियाई एथलीट्स से तुलना में उनके नाम सबसे ज्यादा जीत क्यों हैं।

अब जब वो अपनी लय में वापस लौट चुके हैं, वो इसी मोमेंटम के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं जिससे वो बेंटमवेट रैंक्स में ऊंचा स्थान हासिल कर सकें।

उन्होंने कहा, “मैं आंकलन कर सकता हूँ और मुझे लगता है कि अभी भी सुधार की जरूरत है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे टॉप-क्लास एथलीट्स के खिलाफ हार मिलने वाली है। अच्छे गेम प्लान और तैयारी के साथ कुछ भी संभव है।”

एक तरफ वो किसी विशेष एथलीट का नाम लेने से बच रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि उन्हें इस रोस्टर में किसी भी एथलीट के साथ मैच दिया जाता है तो वो उसे कड़ी चुनौती दे सकते हैं।

केवल मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन बिबियानो “द फ़्लैश” फर्नांडीस (12) और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन केविन “द सायलेन्सर” बेलिंगोन (11) ही बेंटमवेट डिविजन में जीत के मामले में उनसे आगे हैं। इसलिए “द टर्मिनेटर” निश्चित रूप से अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होंगे और वो इस डिविजन के टॉप-क्लास एथलीट्स पर अटैक करने के एक भी मौके को खाली नहीं जाने देंगे।

Sunoto defeats Nurul Fikri ONE WARRIOR'S CODE in Jakarta

उन्होंने बताया, “मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो किसी भी चुनौती से कभी भी पीछे नहीं हटता। मैं किसी भी समय, कहीं भी और किसी के भी खिलाफ फाइट करने के लिए तैयार हूँ।

“मैं अपनी कमजोरियों में सुधार लाने का पूरा प्रयास करूंगा। उम्मीद ये ही रहने वाली है कि मैं जीत की लय बरकरार रख सकूं और वर्ल्ड टाइटल शॉट हासिल कर वर्ल्ड चैंपियनशिप को इंडोनेशिया लाऊं।

“मैं डिविजन के टॉप-क्लास फाइटर्स का सामना करने के लिए तैयार हूँ।”

ये भी पढ़ें: ऐतिहासिक मुकाबले में जीत दर्ज कर वर्ल्ड चैंपियन बने पेटमोराकोट

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