तवनचाई ने जो नाटावट को करीबी फाइट में हराकर ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल सफलतापूर्वक डिफेंड किया
अगर किसी को ONE 167 में “स्मोकिन” जो नाटावट के खिलाफ रीमैच में तवनचाई पीके साइन्चाई की दृढ़ता पर शक था तो उन्होंने निश्चित रूप से उन्हें पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया होगा।
तवनचाई ने डिविजन के #3 रैंक के कंटेंडर को हराकर मेन इवेंट में अपने ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल को बरकरार रखा, जिसका आयोजन शनिवार, 8 जून को बैंकॉक के इम्पैक्ट एरीना में हुआ था, लेकिन उन्हें इस मुकाबले में एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा।
पहले और दूसरे राउंड के अधिकांश समय तवनचाई ने नाटावट पर बाएं पैर से कई जोरदार किक्स मारीं तो वहीं नाटावट को अपनी रेंज (पहुंच) और काउंटर गेम का उपयोग करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। और ऐसा ही पहले छह मिनट तक चलता रहा, एक के बाद एक बाएं पैर की किक “स्मोकिन” जो की दाहिनी बांह में लगती रही।
ये ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप मुकाबला तीसरे राउंड तक उनके पहले किकबॉक्सिंग मुकाबले जैसा नहीं लग रहा था।
पांच राउंड की इस प्रतियोगिता के बीच में नाटावट ने लो किक्स के साथ टाइटल विजेता के अगले पैर को निशाना बनाना शुरू कर दिया। उन हमलों के बाद “स्मोकिन” जो ने कई राइट पंच भी मारने शुरू किए, जिससे तवनचाई की बाईं आंख पर चोट लगी।
तवनचाई को देखने में थोड़ी कठिनाई और नाटावट की बांह पर चोट के कारण दोनों एथलीट्स को चैंपियनशिप राउंड्स में कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
PK Saenchai Muaythaigym के प्रतिनिधि ने अपनी बाएं पैर की किक्स से दबाव बनाए रखा, लेकिन साथ ही उन्होंने एल्बोज़ और मुक्कों को भी जोड़ना शुरू कर दिया। दूसरी ओर, नाटावट ने आक्रामकता जारी रखी और अपने हमवतन एथलीट को लो किक्स और पंचों से अटैक करते रहे।
इन दो मशहूर मॉय थाई फाइटर्स के बीच इस भीषण मुकाबले के बाद जजों के लिए विजेता चुन पाना आसान नहीं था।
लेकिन आखिरकार, जजों ने बहुमत निर्णय से तवनचाई को जीत प्रदान की।
इस जीत के साथ उन्होंने अपने मॉय थाई और किकबॉक्सिंग रिकॉर्ड को 133-31 कर लिया। इसके साथ उन्होंने अपनी बेल्ट का भी तीसरी बार सफलतापूर्वक बचाव किया।