टाइगरशार्क के कोच को एड्रियन मैथिस से हैं ढेरों उम्मीदें
जुली “द शार्क” सिलावांटो ONE Championship में मुकाबला करने वाले पहले इंडोनेशियाई एथलीट्स में से एक थे। अब वो देश के सबसे अच्छे युवा टैलेंट्स को दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में लीड करते हुए बेहतरी की ओर ले जा रहे हैं।
सिलावांटो, जो अपने देश में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के सबसे अच्छे एथलीट माने जाते हैं, वो एड्रियन “पापुआ बैडबॉय” मैथिस को साल 2013 से ट्रेनिंग दे रहे हैं और उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। जब से एड्रियन ने इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित Tigershark Fighting Academy में कदम रखा था।
उनके अनुभवी मार्गदर्शन में ही मैथिस अब उभरते हुए सितारे बन गए हैं।
“पापुआ बैडबॉय” ने करियर में 10 जीत हासिल की हैं। लगभग ये सभी जीत उन्होंने नॉकआउट या फिर सबमिशन से हासिल की हैं। और तो और उन्होंने अपनी पहली प्रोमोशनल उपस्थिति में ही ONE स्ट्रॉवेट इंडोनेशिया टूर्नामेंट चैंपियनशिप पर कब्जा जमा लिया था।
उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद सिलावांटो का मानना है कि 26 साल के होनहार छात्र का सबसे अच्छा प्रदर्शन आना अभी बाकी है। उन्होंने इस बारे में और अन्य चीजों पर हमसे इस खास इंटरव्यू में बात की।
ONE Championship: एड्रियन मैथिस इंडोनेशिया के सबसे अच्छे एथलीट्स की सूची में शामिल हो गए हैं। इस पर आपकी क्या राय है और क्या चीज उन्हें इतना खास बनाती है?
जुली सिलावांटो: वो गेम प्लान लागू करने में माहिर और काफी कुशल हैं। वो अपने कॉर्नर से बताए जा रहे निर्देशों को सुनते हैं। वो सुनने के साथ उन निर्देशों को अपने मुकाबले में लागू भी करते हैं। ये उनकी सबसे अच्छी आदतों में से एक है। कॉर्नर से हम मुकाबले को एक बड़े नजरिए से देख रहे होते हैं जैसा कि वीडियो गेम खेलने के समय होता है।
मेरे साथ कई एथलीट्स ट्रेनिंग करते हैं। मैं ऐसे में कह सकता हूं कि हर किसी के पास ऐसी क्षमताएं नहीं होती हैं। आप जब मुकाबला कर रहे होते हैं तो केमिस्ट्री बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि आप सब कुछ साफ तरीके से नहीं देख पाते हैं। उस वक्त कोच की भूमिका अहम हो जाती है।
वो मानसिक रूप से भी काफी अच्छे हैं। विरोधियों के बड़े नामों का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हम हमेशा एक लक्ष्य तय करते हैं। अगर विरोधी उनसे काफी ज्यादा अनुभवी होता है, तो उनको कुछ भी गंवाने का डर नहीं होता है। वो बस अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। अगर अंत में जीत मिलती है तो ये उनके नाम के लिए अच्छी साबित होती है। वो हर तरह के विरोधी का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।
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ONE: वो अपने मजाकिया और मदमस्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं। क्या आपको लगता है कि इससे उनकी मानसिकता को आकार मिलने में मदद मिलती है?
जुली सिलावांटो: हो सकता है ऐसा हो। मौज और मजाक ऐसी चीजें हैं, जो वो रोजाना करते हैं। ऐसा वो सोशल मीडिया पर भी करते रहते हैं। ये बहुत सामान्य है। यही कारण है कि मैंने उनका नाम “पापुआ बैडबॉय” रखा है क्योंकि वो लोगों को अपनी मौज-मस्ती से तंग भी करते हैं। वो जब लोगों के बीच होते हैं तो सबका मजाक बनाकर हंसते-हंसाते हैं और मजे से रहते हैं। मुझे लगता है कि यही कारण है कि बाउट के दौरान वो इतने शांत और मजे में रहते हैं।
ONE: इसमें कोई राज की बात नहीं है कि मैथिस का बचपन काफी कठिन अनुभवों से गुजरा है। क्या आपको लगता है कि वो जो आज हैं, उसमें उन दिनों की भी भूमिका है?
जुली सिलावांटो: मुझे लगता है कि उस अनुभव ने उन्हें काफी प्रभावित किया। वो मानसिक तौर पर परिपक्व व ट्रेंड हैं और उस बुरे अनुभव को उन्होंने किसी सकारात्मक चीज में बदल लिया है। वो अपने माता-पिता के साथ पापुआ चले आए थे। वहां फिर से जीवन शुरू किया। मुझे लगता है कि उन पर इस बात का भी गहरा प्रभाव पड़ा है। आमतौर पर किसी का स्वभाव बचपन के अनुभवों और रहने वाली जगह से प्रेरित होता है।
ONE: मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में उनकी 10 जीत हैं। इसमें से उन्होंने एक विरोधी को छोड़कर बाकी सबको फिनिश किया है। इसका श्रेय आप किसको देंगे?
जुली सिलावांटो: उनका दृढ निश्चय गजब का है और किस्मत से उन्हें अच्छी फिजिकल चीजों का साथ भी मिला है। वो इस अच्छी कंडिशन में अगले पांच साल तक रह सकते हैं। वो पहले राउंड से आखिरी राउंड तक बहादुरी से फाइट कर सकते हैं। उनका दृढ निश्चय नहीं डगमगाता है। मुझे लगता है कि इस वजह से भी उन्हें जल्दी जीत मिल जाती है।
ONE: मैथिस के साथ किए गए सभी ट्रेनिंग सेशन पर अगर नजर डालें तो कौन सी चीज है, जिससे आप सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?
जुली सिलावांटो: शुरुआत से ही उन्होंने बहुत अच्छा जुनून दिखाया और उन्होंने उसे अभी तक जारी रखा है। उन्होंने ट्रेनिंग को कभी भार नहीं समझा और बताए जा रहे निर्देशों का अच्छे से पालन किया। वो बहुत मजाकिया हैं, जब छोटी-मोटी चोट लगी हो, तब भी वो मजाक करने से नहीं चूकते हैं।
ONE: मैथिस की ट्रेनिंग में आप लोग अब किस चीज पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं?
जुली सिलावांटो: हम उनकी ग्राउंड फाइटिंग को और धारदार बनाने पर काम कर रहे हैं। इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि उनका ग्राउंड तकनीकी तौर पर कमजोर है, लेकिन उन्हें और तकनीक सिखाने पर जोर दिया जा रहा है। फिलहाल, हम इसी पर ध्यान दे रहे हैं। साथ में हमारा लक्ष्य स्ट्राइक को भी बेहतर करना है।
ONE: अंत में ये बताइये कि जब “पापुआ बैडबॉय” अपनी वापसी करेंगे तो फैंस को उनसे क्या उम्मीदें रहेंगी?
जुली सिलावांटो: एड्रियन वैसे ही पुराने वाले एड्रियन होंगे, जो मैच की शुरुआत से अंत तक अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबका मंनोरंजन करते आए हैं। वो दर्शकों को खुश कर देंगे क्योंकि अपनी तकनीक और पावर के अलावा वो केज में काफी मनोरंजन भी करते हैं।
मैंने हमेशा अपने स्टूडेंट्स को समझाया है कि मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का मतलब मनोरंजन भी है। ऐसे में हमें केवल फाइटिंग पर ही निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उम्मीद करता हूं कि हम उन्हें फिर से बेस्ट प्रदर्शन करते हुए जल्दी देख पाएंगे।
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