ट्रॉय वर्थेन का मानना है कि एक और जीत उन्हें वर्ल्ड टाइटल मैच दिला सकती है
“प्रीटी बॉय” ट्रॉय वर्थेन की नजरें अब बिबियानो “द फ्लैश” फर्नांडीस पर हैं लेकिन उनका मानना है कि ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन को चुनौती देने के लिए कम से कम उन्हें एक और जीत की जरूरत होगी।
शुक्रवार, 28 फरवरी को अपने दूसरे होमटाउन सिंगापुर में अमेरिकन एथलीट ने अपने अपराजित रिकॉर्ड को ONE: KING OF THE JUNGLE में मार्क “टायसन” फेयरटेक्स एबेलार्डो को पराजित करके शानदार जीत के साथ आगे बढ़ाया।
Evolve प्रतिनिधि ने अपने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स गेम में कुछ नई और बेहतरीन तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस तरह उन्होंने कीवी एथलीट के खिलाफ तीन राउंड तक चली बाउट में दमदार स्ट्राइकिंग और ट्रेडमार्क रेसलिंग ऑफेंस की मदद से सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की।
अपनी तीसरी ONE Championship की जीत के बाद “प्रीटी बॉय” ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने विरोधी को पराजित किया, एबेलार्डो कैसे उनके करियर के सबसे मुश्किल विरोधी साबित हुए और वर्ल्ड टाइटल जीतने का मौका पाने के लिए अगले मुकाबले में वो किससे बाउट चाहते हैं।
ONE Championship: आप अपनी परफॉर्मेंस से किस बात से ज्यादा खुश हैं?
ट्रॉय वर्थेन: बहुत खुश हूं कि मैं अपनी स्ट्राइकिंग का प्रदर्शन कर पाया। मुझे पिछली बाउट्स में ज्यादा मौके नहीं मिले थे इसलिए मैंने जिन तकनीकों पर काम किया था, वो मैं नहीं दिखा पाया था।
मैं सिर्फ टेकडाउन्स नहीं आजमाना चाहता था। मैं विरोधी को उनकी सीमा तक ले जाकर स्ट्राइकिंग में उनका टेस्ट लेना चाहता था। इस वजह से मुझे बहुत खुशी है कि मैं लोगों को ये दिखा पाया कि मेरे विरोधी ने भले ही सबसे बड़े मॉय थाई जिम्स में ट्रेनिंग ली और उन्हें मॉय थाई एथलीट समझा जाता है, फिर भी मैंने उनसे स्ट्राइकिंग में टक्कर ली और उन्हें पराजित कर दिया।
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ONE: एबेलार्डो का सामना करने के बाद आप उनका कितना सम्मान करने लगे हैं?
ट्रॉय वर्थेन: मुझे लगता है कि उनकी चिन (ठोड़ी) का बना हुआ है। मैं जितना हो सकता था उतनी जान लगाकर उनकी चिन पर किक मार रहा था। उनमें से कुछ उन्हें लग रही थीं लेकिन तब भी वो हर बार उठ खड़े हो रहे थे।
वो बहुत टफ हैं। मैंने ऐसे बहुत कम एथलीट देखे हैं, जो बाउट खत्म होने के बाद भी अपने पैरों पर खड़े रहते हैं। उन्होंने मेरे काफी जोरदार प्रहारों को झेला लेकिन तब भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फाइट करते रहे। जैसा मैंने मैच से पहले कहा था कि वो एक सच्चे फाइटर हैं। वो आगे बढ़ते ही जाते हैं, हर मिनट जीत की ओर कदम बढ़ाते हैं, जो सच में कमाल की बात है।
ONE: आप इस मैच को फिनिश नहीं कर पाए तो क्या ये आपका अब तक का सबसे मुश्किल मैच था?
ट्रॉय वर्थेन: मुझे मानना ही पड़ेगा कि ये अब तक का मेरा सबसे कठिन मैच था क्योंकि ये काफी देर तक चला। मैं अपनी हर बाउट को फिनिश करना चाहता हूं लेकिन कई बार वैसा नहीं हो पाता है।
मुझे अब भी ऐसा लगता है कि मैच के दौरान कुछ हिस्से काफी अलग थे, मैं उन्हें काफी पहले ही बाहर कर चुका होता। अभी तक जितनी भी बाउट्स हुई हैं, उनमें से ये सबसे मुश्किल रही है। हालांकि, मुझे लगता है कि चेन रुई वाला मैच काफी मुश्किल था।
ONE : आपने अपनी लेफ्ट हाई किक का जल्दी इस्तेमाल शुरू कर दिया था, क्या ये आपके गेम प्लान का हिस्सा था?
ट्रॉय वर्थेन: हम जानते थे कि वहां पर हेड किक्स चलने वाली हैं। मैंने हर प्रो बाउट्स में हेड किक चलाईं हैं लेकिन कुछ कारणों से लोग इसे अनदेखा करते रहे। मैं बस किक मारता हूं और फिर ग्राउंड एंड पाउंड का प्रहार करने लगता हूं।
ज्यादातर एथलीट्स ट्रेनिंग के दौरान टेकडाउंस को डिफेंड करना सीखते हैं। वे अपना बेस लो और हाथ नीचे रखते हैं, ताकि अंडरहुक्स जैसी चीजें आजमा सकें। मैंने फाइट में चालाकी दिखाने का तरीका सीखा है और इसमें कई लेवल पर बदलाव किए हैं। विरोधी के हाथ थोड़े नीचे थे इसलिए मैंने उन्हें ऊंची किक लगाई।
पहली किक तो लगी लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने उसे पकड़ ली थी और मुझे जमीन पर गिरा दिया था। हालांकि, उसके बाद वो मुझ पर हावी नहीं हो पाए, जो उनकी गलती साबित हुई। बाद में मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता चला गया। मैं उन्हें रोकने के लिए उनकी बैक पर जाने की कोशिश कर रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो मेरा सामना करते रहे।
ONE: आप अपनी स्ट्राइकिंग से कितने खुश हैं?
ट्रॉय वर्थेन: मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं। मैं जिस चीज़ में सुधार कर रहा था, वो मैं लोगों को दिखा पाया।
मैंने अपनी स्ट्राइकिंग को सुधारने के लिए काफी मेहनत की और ये पक्का किया कि हर दिन मुझमें सुधार होता रहे। मेरे कोच ने भी इस सुधार पर काफी मेहनत की है। इस वजह से मुझे खुशी है कि इसका फायदा मिला और सबको दिखा पाया कि मैं सही तरीके से सीखी हुई तकनीकों का अनुसरण कर पा रहा था।
जिम में कई सारे लोग बहुत कमाल की चीजें कर सकते हैं लेकिन जब बाउट होती है, तब वे उन दांव-पेंचों को नहीं लगा पाते हैं। इस वजह से मुझे खुशी है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिला और शुक्रवार को सर्कल में वो चीजें काम आईं। अब मैं पहले से और ज्यादा इन तकनीकों को आजमाने वाला बन गया हूं।
ONE: आपके प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद कई बार विरोधी आपको अटैक का शिकार बना पाए। क्या आप उनकी ताकत से अचंभित थे?
ट्रॉय वर्थेन: जिस तरह से वो स्ट्राइक्स से प्रहार कर रहे थे, उनमें बहुत ताकत थी। हालांकि, ये कुछ ऐसा नहीं था, जिसे मैंने पहले कभी महसूस न किया हो। अगर आप पंचों को आने से पहले उन्हें देख लें, थोड़ा एडजस्ट कर लें और हमले की दिशा से हट जाएं तो आपको कुछ नहीं होगा।
मैच में नुकसान उन स्ट्राइक्स से होता है, जिन्हें आप देख नहीं पाते हैं। फिर चाहे वो ज्यादा जोर से मारे गए हों या कम जोर से। मैंने लगभग हर वार को अपनी ओर आते हुए देख लिया था। आप जब सर्कल में फंसे हुए हों तो कुछ वार तो आपको लगेंगे ही। आप भले पास हों लेकिन ये पक्का जरूर कर लें कि अपनी ओर आता हुआ हर हमला दिख जाए। अगर आपके प्रतिद्वंदी स्ट्राइक करने जा रहे हैं तो ऐसे में कई बार मैं उन्हें मौके दे रहा था। दरअसल, मैं अपने सिर के नीचे से चिन पर ओवरहुक करने का दांव लगा रहा था। ऐसे में मुझे पता था कि वो अपनी एल्बो से कई जगह हमला करेंगे।
मुझे लगता है कि दूसरे राउंड या पहले राउंड के खत्म होने पर उन्होंने तीन बार लगातार मुझ पर हमला करने की कोशिश की थी। हालांकि, मैं पीछे हट गया और उनकी ओर देखकर मुस्कुरा दिया। मुझे पता था कि वो ऐसा करने वाले हैं। अगर आप उन्हें बाउट करते हुए देखें, तो जब भी वो केज की ओर होकर खड़े होते हैं। वो अपनी एल्बो से लोगों को घायल कर देते हैं और जब मैं ऐसे में खड़ा था, तो उन्होंने उस समय भी वैसा ही किया।
ONE: आपने अपनी रेसलिंग से तीसरे राउंड को नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन तब भी मार्क फेयरटेक्स एबेलार्डो ने आपके लिए कौन सी मुश्किलें पैदा कीं?
ट्रॉय वर्थेन: मार्क को बहुत अच्छे से सिखाया गया है। उन्हें लगता था कि ये ग्रैपलिंग मैच हो सकता है इसलिए उन्हें केज में घंटों जमीन पर गिरकर फाइट की ट्रेनिंग दी गई थी।
इस वजह से मुझे उन्हें जमीन पर गिराने के दूसरे तरीके अपनाने पड़े। हालांकि, उनको जमीन पर गिराने के बावजूद मैं उन पर अपना दबदबा नहीं बना सका। इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। मैंने कई चीजों पर अपना काबू रखा लेकिन उन्होंने मुझे खुद पर हावी होने ना देकर अच्छा खेल दिखाया। हालांकि, उसके बाद भी मैं उन पर काबू कर पाया और किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि मैं खतरे में हूं।
कुछ चीजों में मैं जरूर सुधार करना चाहूंगा, ताकि मेरा अगला विरोधी पूरे 15 मिनट न टिक पाए। फिर भी मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मुझे लगता है कि मैं सभी ग्रैपलिंग एक्सचेंज को कंट्रोल कर सकता हूं। उससे बिना ज्यादा नुकसान हुए भी मैं अच्छा कर सकता हूं।
ONE: क्या आखिर में वो आपको ऑफ-गार्ड पाकर अटैक करने में कामयाब हो पाए?
ट्रॉय वर्थेन: मैं इसकी पूरी उम्मीद कर रहा था और जैसा कि मैंने आपको बताया कि उन्हें ये ट्राई करना ही था। मुझे लगता है कि उन्हें फाइट के दौरान ही समझ में आ गया था कि वो हारने वाले हैं इसलिए वो दांव उन्हें लगाना ही था।
बाउट खत्म होने में 20 सेकेंड बाकी थे और उनके जीतने का केवल वही रास्ता बचा था। मेरे विरोधी मैच को उसी तरह फिनिश करना चाहते थे इसलिए मुझे पता था और जल्द ही मैंने खुद को बचा लिया। वो कुछ बेहतरीन प्रहार करने वाले थे इसलिए मैं वहां से निकल गया। उनके ज्यादातर प्रहार खाली गए लेकिन उनका अपरकट और हुक लग गया। हालांकि, इस हमले से मुझे चोट नहीं पहुंची पर उनका हमला काफी जोर का था।
मार्क एक असली फाइटर हैं। वो तब तक मुकाबला करते हैं, जब तक मैच पूरा खत्म न हो जाए और उन्होंने वैसा ही किया। खुशी है कि अपनी तरह जी-जान से लड़ने वाले फाइटर से बाउट करने का मुझे मौका मिला। इस बाउट में मुझे काफी मजा आया क्योंकि जब विरोधी हार मान लेता है या अंत में थक जाता है तो न मुझे मजा आता है और न प्रशंसकों को अच्छा लगता है।
ONE: क्या आपको खाली एरीना में किनारे खड़े कोच से कमांड सुनने का कोई फायदा हुआ?
ट्रॉय वर्थेन: इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे बस अच्छा मैच खेलना होता है और अपने कोच की बातों का ध्यान रखना होता है। हम जिम में भी ऐसा ही करते हैं। उनके साथ समय बिताते हैं, ताकि जब वो हमें कमांड दें तो उनकी बात हमें समझ में आ सके।
मैं कॉर्नर से आने वाली बातें सुन सकता था लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मेरा पूरा ध्यान अपनी चीजों पर लगा होता है। एक बार ऐसा हुआ था कि मैंने उन्हें अनाउनसर्स की टेबल के पास पकड़ लिया था। उस समय मैं मिच और माइकल शिवेलो की अनाउंसमेंट को सुन रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं। शायद, वो पहला मौका था, जब मैं अपनी फाइट की कमेंट्री सुन रहा था। सच में, वो अच्छा एक्सपीरियंस था।
ONE: अब आप क्या करने वाले हैं, क्या आपको अब भी लगता है कि आपके पास इस साल वर्ल्ड टाइटल शॉट पाने का मौका है?
ट्रॉय वर्थेन: मुझे लगता है कि ये सब टाइमिंग पर निर्भर करता है कि सही समय पर कौन तैयार है। मुझे लगता है कि इस दौड़ में कुछ लोग आगे हैं। मुझे नहीं पता कि कोई और भी बिबियानो का सामना करने वाला है और ये भी नहीं पता कि वो उतने फिट हैं या नहीं। इसलिए टाइमिंग पर काफी कुछ निर्भर करता है।
आशा करता हूं कि मुझे एक और जीत मिले। उम्मीद है कि दमदार विपक्षी को हराने के बाद शायद मुझे टाइटल शॉट मिल सकता है। मुझे ये देखना होगा कि ये सब कैसे होगा, कौन बाउट करेगा और किससे मैच होगा। युसुप सादुलेव, केविन बेलिंगोन, ली काई वेन, शोको साटो में जो भी मुकाबले को तैयार होंगे, उनसे मैं मैच करने को तैयार रहूंगा।
मुझे लगता है कि मैंने पहले भी इनके नाम लिए हैं लेकिन इनके पास से कोई उत्तर नहीं आया है। मैं इस तरह नहीं हूं, जो एक बात बार-बार पूछे लेकिन मुझे लगता है कि युसुप से मेरा अच्छा मैच होगा। उन्होंने अपने डिविजन की पिछली पांच फाइट जीती हैं और वो जीत की राह पर हैं। वो एक ग्रैपलर हैं, जिनका मैंने इस लेवल पर सामना नहीं किया है। मुझे लगता है कि इन सब चीजों का जवाब मुझे बिबियानों के साथ बाउट में मिल जाएगा।
अगर वो तैयार हो गए तो ये मेरे लिए सबसे अच्छा रहेगा। देखते हैं क्या होता है। अगर मुझे उनसे फाइट करने का मौका मिला तो मैं उन्हें हरा दूंगा और मुझे लगता है कि मैं ही उनसे फाइट करूंगा।
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