मीशा टेट की कलम से: कैसे सोशल मीडिया पर नकारात्मक लोगों से पीछा छुड़ाएं और खुद को प्यार करें
जब मैं पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी तो मुझे काफी सारे शारीरिक बदलाव का सामना करना पड़ा था, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं थे और उसी समय मुझे पता चला कि इंटरनेट पर लोग कितने क्रूर हो सकते हैं।
किसी भी व्यक्ति को किसी महिला के प्रेग्नेंट होने का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए। यदि किसी महिला की बॉडी पर स्ट्रेच मार्क्स हों या वो प्रेग्नेंट हो तो लोगों को ये समझना चाहिए कि एक बच्चे के इस दुनिया में आने के लिए उसे कितने त्याग करने पड़े हैं।
महिलाएं अद्भुत होती हैं। मुझसे पहले माँ बन चुकीं महिलाओं के प्रति इतना लगाव इससे पहले मुझे कभी नहीं हुआ था।
इस दुनिया में हर इंसान एक महिला के शरीर से ही बाहर आया है, जिसने उस इंसान को इस दुनिया में लाने के लिए ना जाने कितने त्याग किए हैं। इसलिए हमें सभी महिलाओं का आदर करना चाहिए।
हालांकि, कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो कभी नहीं बदल सकती।
कुछ लोग काफी असंगत भी हो सकते हैं और ये चीज मुझे ये सोचने पर मजबूर करती है कि, ‘कैसे लोग किसी दूसरे व्यक्ति की शारीरिक बनावट का मज़ाक बना सकते हैं?’
अक्सर मुझे ऐसी चीजें सुनने को मिलती हैं कि, “आपका शरीर इतना बड़ा कैसे हो रहा है, आप मोटे नजर आ रहे हैं और ना जाने क्या-क्या?” इस तरह की स्थिति से पार पाना बेहद मुश्किल होता है और मेरा मानना है कि लोगों को दूसरों की शारीरिक बनावट के बजाय खुद के ऊपर ध्यान देना चाहिए।
कभी-कभी लोग ये भी कहते हैं कि, “ऐसा नहीं लग रहा कि आप प्रेग्नेंट हैं”, ये चीज किसी भी महिला को अच्छी नहीं लगेगी।
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अगर आप किसी माँ बनने वाली महिला से कुछ कहना ही चाहते हैं तो ऐसा कहें कि, “आप बहुत सुंदर हैं,” “आप बहुत चमक रही हैं,” “आप बहुत अच्छी लग रही हैं।” इस तरह की बातों से उन्हें अच्छा फील होगा।
मोटापे और किसी महिला की शारीरिक बनावट का मज़ाक उडाना आजकल लोगों के लिए आम बात हो गई है। हम इस बात का एहसास नहीं कर पाते कि किसी दूसरे को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। असल में हमें दूसरों से ज्यादा खुद पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने कभी किसी के सोशल मीडिया पेज पर किसी तरह की बुरी बातें नहीं कही हैं या फिर उनके लिए किसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी नहीं किया है। ना मैंने ऐसा किया है और ना ही मेरे दोस्तों ने।
याद रखें कि जब भी आप किसी पर उंगली उठा रहे होते हैं तो 3 उंगलियां आपकी तरफ होती हैं। इससे लोगों को सबक लेना चाहिए कि दूसरों के लिए बुरा कहने से पहले आप अपने आप पर ध्यान दें।
Cyberbullying (इंटरनेट के जरिए ट्रोल करना) सोशल मीडिया की सबसे खराब बात है। इससे लोगों के लिए संपर्क तोड़ पाना बेहद आसान है, इसी समय वो ये भी समझते हैं कि वो किसी को शारीरिक क्षति नहीं पहुंचा रहे हैं।
ये पूर्णतः गलत है। ऑनलाइन किसी के बारे में बुरा कहना उस इंसान को उतना ही बुरा महसूस करवाता है जैसे आप उसके सामने खड़े होकर उससे ये बात कह रहे हों।
गलत बातों का प्रचार करने के बजाय लोगों को इसके जरिये उदाहरण स्थापित करना चाहिए। दूसरों को अपने अच्छे व्यक्तित्व का परिचय करवाएं।
सोशल मीडिया पर इस तरह की बुरी बातों के खिलाफ मैं अपनी कॉम्बैट स्किल्स का प्रयोग नहीं कर सकती। आमतौर पर अगर किसी कमेंट से मुझे बुरा महसूस होता है तो मैं इस तरह की बातों को नज़रअंदाज़ कर देती हूँ। मैं उनका जवाब इसलिए नहीं देना चाहती क्योंकि अगर मैंने जवाब दिया तो नकारात्मकता को और भी बढ़ावा मिलेगा।
मैं नकारात्मकता का प्रचार नहीं करना चाहती, कभी-कभी चुप रहना ही सबसे सही जवाब होता है। मैं उन लोगों का जवाब देना पसंद करती हूँ, जो हमेशा सकारात्मक रहते हैं।
जो लोग ऑनलाइन नकारात्मकता फैलाते हैं वो अक्सर अपनी जिंदगी से खुश नहीं होते हैं। जब आप इस नजरिए से सोचते हैं तो इन बुरी बातों का सामना कर पाना आसान हो जाता है। उनके आगे झुकने का कोई फायदा नहीं है और ना ही हमें कभी नकारात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए।
हमारे इस तरह के रवैये से शायद उन लोगों को ये बात समझ आ जाती होगी कि हम उन्हें ज्यादा तवज्जो देना पसंद नहीं करते हैं और यही चीज उन्हें अच्छी चीजें करने के लिए मजबूर कर सकती है। मुझे पता है कि मुझे इन सभी चीजों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता और आगे भी मैं ऐसा ही करना जारी रखूंगी।
इसके साथ ही मैं अन्य महिलाओं को एक और मैसेज देना चाहती हूँ।
जब फरवरी में मैंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खुद में आ रहे शारीरिक बदलावों के बारे में बात की थी, तो मैं सभी को ये दिखाना चाहती थी कि ऑनलाइन अपनी शारीरिक स्थिति को साझा करना कोई गलत बात नहीं है। मैं इसे वापस लेना चाहती थी क्योंकि अधिकतर लोग उस बारे में बात कर रहे थे कि बच्चे के जन्म के बाद मेरे शरीर में क्या बदलाव आएंगे।
मैं कुछ समय के लिए कमजोर महसूस करने लगी थी। मैं दुनिया को ये दिखाना चाहती थी कि यही सच्चाई है कि मेरा वजन बढ़ रहा है। मैं पहले की तरह ट्रेनिंग नहीं कर पा रही थी और मैं खुद इन सभी बदलावों से खुश नहीं थी। मैं लोगों को ये बताना चाहती थी कि उन्हें खुद को स्वीकार करना चाहिए।
मुझे अपने शरीर में आ रहे बदलाव पसंद नहीं थे, इसका मतलब ये नहीं कि मुझे खुद से प्यार नहीं है। आप बाहर से कैसे दिख रहे हैं ये उस बात को तय नहीं करता कि आपका दिल कितना साफ है। मैं जानती हूँ कि मैं इसके बाद ट्रेनिंग कर अपनी शेप में वापस लौट सकूँगी और मुझे विश्वास है कि मैं ऐसा कर सकती हूँ।
शेप में वापसी करने के बाद एक बार फिर मैं अपने सपनों का पीछा कर सकूंगी। ये कोई गलत बात नहीं है कि जिंदगी में एक समय ऐसा भी आता है जब आपको इस तरह की परिस्थितियों से गुजरना होता है लेकिन जब तक आपके दिमाग में आपका लक्ष्य होगा, आप वापसी करने में जरूर सफल होंगे।
Join us in the fight for women's rights and gender equality!
Join us in the fight for women's rights and gender equality! #IWD2020 #EachForEqual #WeAreONE
Posted by ONE Championship on Saturday, March 7, 2020
आखिर में मैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के साथ ये एकता बनाए रखने के महत्व से लोगों को अवगत कराना चाहती हूँ। मैं दुनिया की सभी महिलाओं के साथ खड़ी हूँ लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा करने में उन्हें दूसरों के साथ की भी जरूरत है।
महिलाओं का एक-दूसरे को सपोर्ट करना बहुत अहम है लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि उन्हें हमेशा अपने पति, पिता या भाई का भी साथ निभाते रहना होगा।
ये देखना हमेशा एक सुखद एहसास होता है कि सशक्त पुरुष और सशक्त महिला एक-साथ क्या करने में सक्षम हैं। मैं ऐसी सशक्त महिला को शायद नहीं जानती जिसका रोल मॉडल कोई पुरुष ना रहा हो, फिर चाहे हम पिता की बात करें, दोस्त या भाई की।
मैं सभी को एकता की ताकत से अवगत कराना चाहती हूँ क्योंकि हम सबसे ताकतवर तभी होते हैं जब हम साथ होते हैं। जब हमारे साथ ऐसे किसी पुरुष का साथ होता है जो हमें दबाने के बजाय आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा हो तो हम महिलाएं कुछ भी करने में सक्षम हैं और यही सपोर्ट बड़ी से बड़ी चुनौती को भी आसान बना देता है। टीमवर्क से कुछ भी पाना असंभव नहीं है।