Shinya Aoki’s 101: जॉइंट लॉक लगाने की कला
जिन लोगों ने कभी मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग या अभ्यास नहीं किया है, उन्हें एक बार के लिए ऐसा लग सकता है कि जॉइंट लॉक्स लगाना बहुत मुश्किल होता है और इससे चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है।
जैसे कि मैं बहुत लंबे समय से मार्शल आर्ट्स से जुड़ा हुआ हूँ इसलिए अन्य लोगों के मुकाबले चोट लगने के प्रति मेरी सोच थोड़ी अलग हो सकती है।
एक दिन किसी से बात करते हुए मैंने सुना कि ग्राउंड गेम को समझ पाना काफी कठिन होता है। मैंने सोचा कि अगर उन्हें ये पता होता कि ग्राउंड गेम के सिद्धांत क्या होते हैं तो शायद उन्हें इसकी बेहतर समझ हो सकती थी।
साथ ही ये सिद्धांत उनकी चोट लगने के प्रति सोच में भी बदलाव लाता और लोगों को मार्शल आर्ट्स सीखने के लिए प्रोत्साहित करता। इसलिए मैं इसी मुद्दे पर मैं बात करना चाहता हूँ कि क्या जॉइंट लॉक लगाना खतरनाक है?
पहले चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं, “मार्शल आर्ट्स में जॉइंट लॉक शरीर के किस हिस्से पर लगाया जा सकता है?”
जूडो में एथलीट्स को केवल एल्बो (कोहनी) पर जॉइंट लॉक लगाने की अनुमति होती है। वहीं, मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में फैंस को कई तरह की लॉकिंग तकनीक देखने को मिल सकती है क्योंकि एथलीट अलग-अलग जॉइंट्स पर अटैक कर सकते हैं जैसे गर्दन, कंधे, टखने, कलाई और यहाँ तक कि हिप जॉइंट्स पर भी।
मिलिट्री कॉम्बैट, जो दुश्मनों को हराने पर केंद्रित होता है, वहाँ कभी-कभी फिंगर जॉइंट लॉक्स देखे जाते हैं लेकिन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में ये नियमों के खिलाफ होता है क्योंकि फिंगर जॉइंट कमजोर होते हैं।
यदि एथलीट्स को फिंगर जॉइंट लगाने की अनुमति होती तो ऐसे कम ही मुक़ाबले होते जो सही ढ़ंग से समाप्त हो पाते। इसलिए मुझे लगता है कि यही कारण है कि ये मूव मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में प्रतिबंधित है, जिनमें कई अन्य मूव्स भी शामिल हैं, जैसे आँखों और पेट के निचले हिस्से पर वार करना।
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ये बात मायने नहीं रखती कि आप कितनी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि वो ताकत तब तक किसी काम की नहीं जब तक आपको इसकी तकनीकी रूप से जानकारी नहीं होगी।
जॉइंट लॉक्स पूरी तरह आपकी तकनीकी जानकारी पर निर्भर करते हैं। आपको इसे समझना होगा क्योंकि मूव्स की जानकारी नहीं होगी तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं। तकनीक के बारे में जानकारी और उन तकनीकों का इस्तेमाल करना भी आपको आना चाहिए।
ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिन्हें केवल तकनीक की जानकारी होती है लेकिन असल में किसी व्यक्ति के बॉडी पार्ट्स पर लॉक लगाना एक बहुत अलग एहसास होता है।
यहाँ तक कि ऐसा करते समय ग्रैपलर भी चोटिल हो जाते हैं या फिर अपने प्रतिद्वंदी को चोटिल कर बैठते हैं। वो ग्रैपलर इसलिए चोट की गंभीरता को समझ पाता है क्योंकि उसे अपने मूव्स और इंसान के शरीर के अंगों के बारे में किसी आम व्यक्ति से ज्यादा जानकारी होती है।
व्यक्तिगत तौर पर, मैं खुद कभी जॉइंट लॉक्स के कारण चोटिल नहीं हुआ लेकिन मैं तब चोटिल हुआ जब मैं अपनी स्ट्राइक्स को सही तरीके से लैंड करने में असफल साबित हुआ या फिर अपने प्रतिद्वंदी के अटैक को समझ नहीं पाया था।
मुझे लगता है कि जब मैं जूडो की ट्रेनिंग ले रहा था तो चोट लगने के चांस ज्यादा थे क्योंकि उसमें थ्रो भी शामिल होता है।
हम अपने पैरों पर खड़े रहने की कोशिश में लगे रहते हैं जिससे अपने प्रतिद्वंदी के अटैक से बच सकें। परिणामस्वरूप, ये मूव्स कभी-कभी चोट में तब्दील हो जाते हैं। जब जूडो में कोई एथलीट थ्रो करता है तो ippon स्कोर करता है और उसे अगले ही पल विजेता घोषित कर दिया जाता है।
लेकिन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में स्थिति अलग होती है क्योंकि हम फाइट करना जारी रख सकते हैं।
ये नियम एथलीट्स को सुरक्षित रखता है क्योंकि ग्लोबल स्टेज पर मार्शल आर्ट्स नियमों के तहत अपने प्रतिद्वंदी को सिर के बल पटकना प्रतिबंधित है। जाहिर तौर पर, इन नियमों पर एथलीट्स की सलामती के लिए ही प्रतिबंध लगाया जाता है।
जब ऐसे 2 एथलीट्स की भिड़ंत हो रही हो जिन्हें जॉइंट लॉक्स लगाना अच्छे से आता हो तो वहाँ मैच दिलचस्प बन जाता है। उस दौरान अटैक और डिफेंस ऐसे होता है जैसे कोई चेस का गेम चल रहा हो।
मई 2017 में मुझे गैरी टोनन का सामना करना था जो एक धमाकेदार ग्रैपलिंग गेम साबित हुआ और उसमें 15 मिनट का एक राउंड शामिल था। मुझे काफी मजा आया क्योंकि हम दोनों लगातार एक-दूसरे के मूव्स को परखने की कोशिश कर रहे थे।
उस मैच में मुझे उनके सिग्नेचर मूव हील हुक के सामने टैप आउट करना पड़ा था।
मैच के अंतिम क्षणों में टोनन “द हनी होल” पोजिशन में आ गए थे और वो पैरों को उलझाकर फिगर-फोर शेप में ले आए। ये पोजिशन लेग जॉइंट लॉक लगाने में कारगर साबित होती है। उसके बाद उन्होंने मेरी ऐडी को जकड़ा और अगले ही पल सबमिशन लगा दिया था।
उस समय मुझे एहसास हो चुका था कि मैं मैच में वापसी करने की स्थिति में नहीं हूँ इसलिए मैंने टैप आउट करने का फैसला लिया। इससे पहले मुझे कोई चोट पहुंचती उससे पहले ही टोनन लॉक पोजिशन को छोड़ चुके थे इसलिए वहाँ चोटिल होने की कोई संभावना नहीं थी।
अन्य जॉइंट लॉक्स लगाने में भी यही तरीका अपनाना होता है। अगर दोनों एथलीट्स को तकनीक की अच्छी समझ हो तो उनमें से किसी को भी चोट नहीं पहुंचेगी।
इन जॉइंट लॉक्स के सिद्धांतों को समझकर आपको एहसास होगा कि इसके साथ-साथ ज्यादा समझदार होने का गेम भी चल रहा होता है और काफी लोग इसे एक उबाऊ तकनीक समझते हैं।
चोटिल होने के डर से मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करने से घबराएं नहीं। ऐसे कुछ मार्शल आर्ट्स फैन इवेंट्स होते हैं जहाँ आप एथलीट्स के साथ तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर शारीरिक रूप से अभ्यास करने से आप अच्छा महसूस नहीं कर पा रहे हैं तो जॉइंट लॉक्स के बुनियादी चीज़ें आप सीख सकते हैं और इससे आपको भविष्य में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मैचों की बेहतर समझ मिल सकेगी।
ONE इवेंट्स के प्रसारण के दौरान आमतौर पर कमेंटेटर बताते रहते हैं कि रिंग या सर्कल में क्या हो रहा है। उससे आपको बाउट्स को समझने में मदद मिल सकेगी।
शिन्या एओकी कई बार ONE लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं। वो किताबों के साथ-साथ जापान के मीडिया आउटलेट में कॉलम लिखते हैं। ये सुपरस्टार “Shinya Aoki’s ONE 101” कॉलम लिखते हैं, जिसमें वो एथलीट होने के नजरिए से ढेर सारी जानकारियां देते हैं। लेखक के विचार निजी हैं।