Shinya Aoki’s ONE 101: लंबे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर का राज
मैंने 10 साल की उम्र में जूडो सीखना शुरू किया था, जिसका मतलब ये है कि मैं पिछले 27 सालों से मार्शल आर्ट्स से जुड़ा हुआ हूं।
साल 2003 में मैंने अपना मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स डेब्यू किया और तब से लेकर अब तक 53 बाउट्स का हिस्सा रह चुका हूं।
लोग अक्सर मेरी गिनती दिग्गज एथलीट्स में करते हैं, लेकिन जापान में और बाकी देशों में ऐसा होने में थोड़ा अंतर जरूर देखने को मिल सकता है। जब भी मुझे कोई लैजेंड कहता है तो मुझे कभी-कभी खुद पर शर्मिंदगी भी महसूस होती है।
मैं आज भी रिंग और सर्कल में एक्टिव हूं और आज भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के बारे में नई चीजें सीख रहा हूं। मैं सीखने की प्रक्रिया को जारी रखना चाहता हूं। बाउट्स में अच्छा प्रदर्शन करूं और बाउट करने के नए-नए तरीके ढूंढता रहूं।
मेरा तो ये ही मानना है कि एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट का करियर उम्मीद से कहीं अधिक लंबा चल सकता है।
करियर कितना लंबा होगा इसकी शायद ही कोई परिभाषा हो। इसमें आपका एमेच्योर से लेकर प्रोफेशनल करियर भी सम्मिलित होता है। वहीं हर एथलीट के करियर में वो समय आता है जब वो सोचना शुरू कर देता है कि अब उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए। कभी-कभी लोग रिटायर होने के बारे में भी सोचते हैं लेकिन साथ ही वो ये भी मानते हैं कि वो अभी भी इसे जारी रखने में सक्षम हैं।
व्यक्तिगत तौर पर मेरा यही मानना है कि रिटायर होने के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की अन्य खेलों से तुलना
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में किसी एथलीट को कई सारी स्किल्स की जरूरत होती है जैसे स्ट्राइकिंग, थ्रोइंग या जॉइंट लॉक्स। इन स्किल्स के भी अलग-अलग प्रकार हैं।
मुझे लगता है कि इन सभी चीजों में परफेक्ट होना लगभग असंभव है। फिर चाहे बॉक्सिंग की बात करें, रेसलिंग या जूडो की, ये सोच पाना ही मुश्किल है कि कौन सा ऐसा एथलीट रहा होगा जो इन सभी स्पोर्ट्स के टॉप पर पहुंच पाया हो। लेकिन मुझे लगता है कि एक ना एक दिन ऐसा एथलीट जरूर पैदा होगा।
मैं जूडो की ट्रेनिंग करता था, उसकी तुलना में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में अधिक विशेषताएं हैं जिन्हें सीखने में काफी लंबा समय लग सकता है। शायद इसी कारण इस स्पोर्ट में एथलीट्स का करियर शुरू होने की औसत उम्र अधिक होती है।
उदाहरण के तौर पर, जापान की मौजूदा जूडो ओलंपिक टीम में ऐसा कोई एथलीट नहीं है जिसकी उम्र 30 या उससे अधिक हो। दूसरी ओर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में अक्सर युवा एथलीट्स को खुद से ज्यादा अनुभवी एथलीट्स का सामना करने में कई दिक्कतें आती हैं।
स्किल्स में इतनी विविधता होना ये साबित करता है कि क्यों मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स का करियर लंबा चलता है।
साथ ही एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट के करियर का सफर अन्य स्पोर्ट्स के एथलीट्स से अलग चीजों से होकर गुजरता है।
जापानी ओलंपिक एथलीट्स का जब कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाता है तो उनके लिए करियर में आगे बढ़ना लगभग असंभव हो जाता है। वहीं प्रोफेशनल सॉकर या बेसबॉल में एथलीट्स तभी रिटायर होते हैं जब उनका प्रोफेशनल टीमों से कॉन्ट्रेक्ट समाप्त हो जाए।
दूसरी ओर एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट को जब तक बाउट्स के ऑफर मिलते रहेंगे वो तब तक अपने करियर को जारी रख सकता है, फिर चाहे उसके स्किल सेट में गिरावट देखने को ही क्यों ना मिल रही हो। रिटायरमेंट एथलीट्स पर ही निर्भर करती है कि वो अपने करियर के चरम समय में रिटायर होना चाहते हैं या तब तक फाइट करते रहें जब तक उन्हें वो खुद के करियर से संतुष्ट नहीं हो जाते।
‘सबसे महत्वपूर्ण चीज है आपका जुनून’
मैं अभी अपने करियर के आखिरी कुछ सालों में हूं। जब एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट अच्छा रिकॉर्ड कायम कर लेता है तो उसके पास अपने करियर को जितना चाहे उतना लंबा खींचने का विकल्प मौजूद होता है। मुझे लगता है कि उन्हें तब तक फाइट करते रहना चाहिए जब तक वो खुद के करियर से संतुष्ट महसूस ना करने लग जाएं।
ये भी सच है कि जब कोई एथलीट अपने करियर में सफलता हासिल कर लेता है तो उनके करियर का आखिरी दौर कई साल लंबा हो सकता है।
उतार-चढ़ाव को किनारे करते हुए मैं पिछले काफी समय से मार्शल आर्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करता आ रहा हूं। मैं यहां तक इसलिए पहुंच पाया हूं क्योंकि मुझे अपने करियर में कम ही चोट लगी हैं।
मार्शल आर्ट्स में चोटों से बचे रहना काफी मुश्किल होता है, खासतौर पर जब आपकी उम्र ज्यादा होने लगती है लेकिन मुझे कभी कोई सर्जरी नहीं करानी पड़ी है और ना ही किसी चोट के कारण ट्रेनिंग सेशन मिस किए हैं। जब भी मैं ऐसा कहता हूं तो अक्सर टॉप लेवल जूडो और मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स चौंक उठते हैं।
इसलिए अब सवाल ये है कि मैं चोटों से दूर रहने में कैसे सफल रहा? मैं कभी कोई असाधारण काम करने की कोशिश नहीं करता और प्रतिदिन अपने ट्रेनिंग रूटीन को फॉलो करता हूं। साथ ही मैं परिस्थितियों के हिसाब से ट्रेनिंग करता हूं और ये भी सच है कि चोटों के मामले में काफी हद तक भाग्य भी मेरे साथ रहा है। इसलिए मैं अपने माता-पिता का भी धन्यवाद व्यक्त करना चाहूंगा।
मेरी उम्र इस साल 37 हो गई है, इसलिए मुझे अपने प्रदर्शन और रिकवरी में कभी-कभी कमी महसूस होती है।
साथ ही मैं इस बात से भी अंजान नहीं हूं कि मैं जितना ज्यादा अभ्यास करूंगा मेरी मिक्स्ड मार्शल स्किल्स में उतनी ही बेहतरी आएगी। लगातार खुद में सुधार करते रहना भी आसान नहीं है लेकिन मुझे मार्शल आर्ट्स से प्यार है और मुझे भरोसा है कि मैं अभी कुछ और साल अपने करियर को जारी रख सकता हूं। सबसे जरूरी चीज है आपका जुनून।
अगर आप किसी चीज को पसंद करते हैं और उसे करने में आपको अच्छा महसूस होता है तो आप जिंदगी भर उसे करते रह सकते हैं। मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट होने के नाते मुझे एक्टिव रहने में कोई खास दिक्कत नहीं आती। मुझे केवल इस स्पोर्ट से प्यार है और रिकॉर्ड्स के बारे में मैं ज्यादा नहीं सोचता। जब तक आपके अंदर जुनून है वो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा। मैं दूसरों लोगों से भी ये ही आग्रह करता हूं कि वो अपने पैशन को फॉलो करें।
मेरी तरह आप भी ऐसा कर सकते हैं। मैं जब चाहूं, जैसा चाहूं वैसा ही करूंगा और जब समय आएगा रिटायर हो जाऊंगा।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में विविधताएं हैं और इसी कारण मुझे इससे प्यार है। मुझे उम्मीद है कि ये हमेशा इसी तरह बना रहेगा।
शिन्या एओकी कई बार ONE लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं। वो किताबों के साथ-साथ जापान के मीडिया आउटलेट में कॉलम लिखते हैं। ये सुपरस्टार “Shinya Aoki’s ONE 101” कॉलम लिखते हैं, जिसमें वो एथलीट होने के नजरिए से ढेर सारी जानकारियां देते हैं। लेखक के विचार निजी हैं।